सीएम बनने के बाद जब पहली बार प्रधानमंत्री से मिला तो.

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सीएम बनने के बाद जब वह पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने गए तो उनसे 15 मिनट मुलाकात का समय तय था। जब वह वहां पहुंचे तो उम्मीदों के विपरीत प्रधानमंत्री ने उन्हें डेढ़ घंटे का समय दिया। वह बहुत ही सहज भाव से मिले।ख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन ‘मोदी @ 20 : ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ पुस्तक पर चर्चा एवं विचार गोष्ठी के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक जीवन पर आधारित इस पुस्तक में लेखकों एवं विषय विशेषज्ञों की ओर से प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व, कार्यशैली एवं उनके राजनीतिक जीवन के पिछले 20 सालों की यात्रा की रूपरेखा प्रस्तुत की है।

यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 वर्षों के राजनीतिक जीवन पर आधारित है। पांच भागों एवं 21 अध्यायों की इस पुस्तक में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विषय विशेषज्ञों के लेख शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में नई कार्य संस्कृति विकसित हुई है। आज दुनिया में भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है।

देश डिजिटल भारत की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। कोविड महामारी में भारत में टीकाकरण का महाअभियान चलाया गया। देश में 192 करोड़ से अधिक कोविड के टीके लगे। भारत ने अन्य देशों को भी 20 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन दी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत योजना चलाई जा रही है। देश डिजिटल भारत की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा है। इस पुस्तक में लेख लिखने वाले प्रदीप कुमार ने भी अपने विचारों को साझा किया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, सविता कपूर, खजान दास, बृजभूषण गैरोला, दुर्गेश लाल, मेयर सुनील उनियाल गामा, भाजपा नेता विनय गोयल आदि उपस्थित थे।

प्रो.सुरेखा डंगवाल और संजीव चोपड़ा ने डाला पुस्तक पर प्रकाश 
इस दौरान पुस्तक पर चर्चा करते हुए दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.सुरेखा डंगवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमालय से निकली आध्यात्मिक चेतना को आत्मसात कर राजनीति के मुख्य केंद्र तक पहुंचे हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा को अगर समझना है तो उसके लिए तीन दशक पीछे जाते हुए उनके संघर्ष को समझना होगा। इस किताब में लेखकों ने उनके जीवन के हर पहलू को छुआ है।

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के पूर्व निदेशक संजीव चोपड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कभी भी किसी समस्या को एक समस्या के रूप में नहीं देखा, बल्कि देश में छिपी क्षमता को सर्वश्रेष्ठ परिणामों के लिए अनुकूलित करने के अवसर के रूप में देखा।संजीव ने पुस्तक में तमाम लेखकों की ओर से प्रस्तुत किए गए लेखों के माध्यम से बताने का प्रयास किया कि कैसे पीएम मोदी ने गुजरात मॉडल से लेकर देश तमाम मुद्दों को एक आंदोलन बनाते हुए आगे बढ़ाया। वह अगर किसी व्यक्ति को कोई उपहार देते हैं तो उसमें भी कोई न कोई संदेश निहित होता है।

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