बीमारी के इलाज में जहर गटकने को मजबूर लोग, इन दवाओं को खरीदते समय रहें ज्यादा सतर्क

Manthan India
0 0
Read Time:3 Minute, 59 Second

उत्तराखंड में आखिर किसकी शह पर नकली दवाओं का धंधा फलफूल रहा है, यह यक्ष प्रश्न है। बार-बार कार्रवाई के बाद भी धंधे पर लगाम नहीं लग पा रही है। मजबूरन लोग बीमारी के इलाज में जहर गटकने को मजबूर हैं। एक माह में दूसरी बार है, जब हरिद्वार में ही बड़ी मात्रा में नकली दवाएं पकड़ी गई हैं।

दरअसल, उत्तराखंड में यह एक दो कार्रवाई नहीं है, बल्कि इससे पहले भी कई बार नकली दवाएं पकड़ी गई हैं। वर्ष 2018 में हरिद्वार में ही कई इलाकों में पुलिस और अन्य विभागों ने नकली दवाओं का भंडाफोड़ किया था। उस वक्त भी करोड़ों रुपये का कच्चा माल बरामद हुआ था। साथ ही साल के शुरूआत में ऊधमसिंह नगर में बड़ी कार्रवाई की गई थी।

एसटीएफ ने तब भी करोड़ों की नकली दवाएं बनाने के मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया था। बार-बार ऐसी कार्रवाई के बावजूद स्थानीय प्रशासन की इस पर कोई नजर नहीं है। किस गोदाम और दुकान में क्या संदिग्ध काम हो रहा, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। यहां लोगों की बीमारी ठीक करने का नहीं, बल्कि धीमा जहर तैयार किया जा रहा है।
जानकारों की मानें, तो बीते एक दशक में उत्तराखंड में दवा निर्माताओं ने अपनी फैक्टरियां खोली हैं। यहां पर बड़ी मात्रा में नामी कंपनियां कई दवाएं बना रही हैं। यहां काम सीखने के बाद कुछ लोग दवाएं बनाने की बारीकियों को समझ जाते हैं। इसके बाद असली साल्ट को न लेकर कुछ नकली मिलाकर हुबहू दवाएं बनाई जाती हैं। एसटीएफ भी कुछ ऐसे ही लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
अगले साल से आसान हो जाएगी पहचान  

नकली दवाओं पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने भी कुछ फैसले लिए हैं। एपीआई (एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स) क्यूआर कोड लगाना जरूरी कर दिया गया है। स्कैन करने के बाद चंद सेकेंड में ही दवा की हकीकत सामने आ जाएगी। यह नियम एक जनवरी से लागू किया जाएगा। हालांकि, कुछ कंपनियों ने अपनी दवाओं के स्ट्रीप पर टोल फ्री नंबर आदि लिखने भी शुरू कर दिए हैं।
सावधान! दवाएं खरीदें, मगर ध्यान से 
एसटीएफ की कार्रवाई में नामी कंपनी की कुछ प्रसिद्ध दवाओं से मिलती जुलती दवाएं पकड़ी हैं। ज्यादातर दवाएं बिना डॉक्टर के पर्चे पर भी लोग मेडिकल स्टोर से खरीद लेते हैं। इनमें सर्दी, जुकाम, खासी, दस्त लगने, बुखार आदि की दवाएं शामिल हैं। लिहाजा, अब सावधान होने की जरूरत है।

इन बातों का रखें ध्यान 

दवा हमेशा डॉक्टर के पर्चे से ही खरीदें, खरीदने के बाद मेडिकल स्टोर से बिल जरूर लें, अपने मन से डॉक्टर बनने की आदत छोड़ दें, ऑनलाइन दवा भी सिर्फ डॉक्टर के पर्चे को स्कैन कर ही खरीदें, दवा मिलने के बाद एक बार डॉक्टर को जरूर दिखा लें, एक्सपायरी डेट पास में हो तो उसे खरीदने से बचें, दवा को लेकर कोई संशय हो तो औषधि निरीक्षक को जानकारी दें।
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

केंद्र सरकार अपने 8000 कर्मचारियों को प्रमोशन देने के लिए तैयार, आरक्षण की भी मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के सदस्यों को प्रमोशन में आरक्षण देने सहित 8,089 अधिकारियों को प्रमोट करने के लिए तैयार है। इस मामले से परिचित अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। प्रमोशन में से कुल 1,734 पद प्रमोशन में आरक्षण के अंतर्गत नहीं आते […]

You May Like

Subscribe US Now